श्री डी. वेंकटेश्वर रेड्डी, भा.रा.से.
आयुक्त, लेखापरीक्षा II आयुक्तालय
संगठनात्मक विवरण:
आयुक्तालय का गठन दिनांक 01.07.2017 को केंद्र सरकार द्वारा किए गए सबसे बड़े अप्रत्यक्ष कर सुधारों में से एक यानी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की शुरूआत के साथ हुआ था। । स्व-मूल्यांकन के युग में अनुपालन सत्यापन तंत्र प्रवर्तन, संवीक्षा और लेखापरीक्षा के तीन स्तंभों पर निर्भर रहता है। जबकि पहले दो के लिए सीबीआईसी के समर्पित क्षेत्रीय गठन हैं, तीसरे पहलू पर लेखापरीक्षा आयुक्तालय ध्यान रखते हैं। टैक्स ऑडिट का उद्देश्य कर कानूनों के गैर-अनुपालन का पता लगाना और स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देना है। समग्र अनुपालन स्तर को बढ़ाने के लिए ऑडिट करदाताओं को कर कानूनों के अनुप्रयोग और रिकॉर्ड रखने में सुधार पर मार्गदर्शन और शिक्षण प्रदान भी करता है। हम अनुपालन का सत्यापन करने के एकमात्र उद्देश्य से पूरे भारत में मौजूद 48 लेखापरीक्षा आयुक्तालयों में से एक है। यह आयुक्तालय केंद्रीय कर और सीमा शुल्क, हैदराबाद क्षेत्र के सिकंदराबाद और मेड्चल कार्यकारी जीएसटी आयुक्तालयों की अनुपालन सत्यापन आवश्यकताओं को पूरा करता है।
विभिन्न ऑडिट समूहों को आवंटित इकाइयों का सत्यापन करने के अलावा, इस आयुक्तालय ने केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण नीतिगत उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए भी कड़ी मेहनत की है जैसा कि जीएसटी के लिए तैयारी, इनफ्रास्ट्रक्चर, स्वच्छ भारत पहल और कोविड-19 पर दृष्टि डालना। प्रशिक्षण सत्र आयोजित करके अधिकारियों को जीएसटी पर पर्याप्त प्रशिक्षण दिया गया है। व्यापारियों के प्रश्नों को उत्तर देने के लिए एक जीएसटी सेवा केंद्र को प्रकार्यात्मक बनाया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के करदाताओं की जरूरतों को पूरा करने और ऑडिट को उनके दरवाजे पर पहुँचाने के लिए वरंगल और निज़ामाबाद में दो नए सर्किल कार्यालयों का उद्घाटन किया गया। स्वच्छता कार्य योजना के अंतर्गत नीलोफर अस्पताल के परिसर और उसके आसपास सफाई अभियान चलाने के साथ-साथ छत बागवानी पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि तत्कालीन जोनल सदस्य श्री जॉन जोसेफ ने सरकारी हाइस्कूल, नांपल्लि के परिसर में नवीनीकृत पानी की टंकी और शौचालय का व्यक्तिगत रूप से उद्घाटन किया था। इस आयुक्तालय ने सरकारी प्राथमिक विद्यालय, गच्चिबौली, हैदराबाद का भी नवीनीकरण किया है। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कोविड-19 महामारी के समय में हम बड़ी और मध्यम इकाइयों के लिए डेस्क आधारित ऑडिट की ओर बढ़ रहे हैं, जहाँ करदाता ऑडिट के लिए दस्तावेज़ ऑनलाइन जमा कर सकते हैं और जहां तक संभव हो सके परिसर ऑडिट से बचा जाएगा।
इतने कम समय में इस आयुक्तालय द्वारा किए जा रहे इन सभी प्रयासों के साथ मुझे पूरी उम्मीद है कि निष्पादन मानकों को समग्र और धारणीय तरीके से पूरा करने के लिए निरंतर कदम उठाए जाएंगे। मैं इस आयुक्तालय के अधिकारियों से यह भी आग्रह करता हूँ कि वे बार-बार वेबसाइट देखते रहें क्योंकि आने वाले महीनों में आधिकारिक संचार के प्रसार के लिए वेबसाइट पर भारी निर्भरता बढ़ जाएगी।